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ATS की कार्रवाई: ISIS से जुड़े 3 संदिग्ध गिरफ्तार, गृहमंत्री ने दिया बड़ा बयान

रायपुर। राजधानी रायपुर में एटीएस और रायपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर ISIS से जुड़े तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। एटीएस को तीनों संदिग्धों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। फिलहाल एटीएस के अधिकारी आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि तीनों किसी किस प्रकार की आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस कार्रवाई को बड़ी सफलता करार देते हुए कहा कि लंबे समय तक चल रही जांच के बाद यह कदम उठाया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों में से दो रायपुर के युवा हैं, जो ISIS के लिए काम कर रहे थे और पाकिस्तान स्थित मॉड्यूल के संपर्क में थे। दोनों युवक सोशल मीडिया पर सक्रिय थे और फर्जी आईडी बनाकर लोगों को प्रभावित कर रहे थे। गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एटीएस की टीम को बढ़ाकर राज्य में ISIS से जुड़े सभी संदिग्धों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान स्थित ISIS मॉड्यूल भारत में साजिश रच रहा था। युवाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी और हिंसक सामग्री परोसी जा रही थी। गिरफ्तारी के दौरान एटीएस को आरोपियों के पास कट्टरपंथी ऑडियो और वीडियो संदेश भी मिले। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए तीन लोगों में से दो नाबालिग हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है।

छत्तीसगढ़ में ISIS मॉड्यूल खड़ा करने की तैयारी की जा रही थी। इसके लिए राज्य के किशोरों को विशेष व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, जिसमें उन्हें कट्टरपंथी और ISIS की हिंसक सामग्री दी जा रही थी। आरोप है कि इन नाबालिगों को ब्रेनवॉश करके अपने आतंकवादी मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाना था।

एटीएस को कुछ दिन पहले ही यह सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ में ISIS मॉड्यूल सक्रिय हो रहा है। इसके बाद एजेंसी ने साइबर निगरानी शुरू की और मॉड्यूल से जुड़े दो नाबालिगों की पहचान की। 15 नवंबर की शाम को रायपुर पुलिस ने आरोपियों पर संबंधित मुकदमा दर्ज किया। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस कार्रवाई के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि युवाओं को आतंकवाद और कट्टरपंथी विचारों से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एटीएस और जांच एजेंसियों की सतर्कता के कारण बड़ी घटना को रोका जा सका।

विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित करना एक नई चुनौती है। इस मामले में तत्काल गिरफ्तारी और साइबर जांच ने यह साबित किया है कि निगरानी और समय पर कार्रवाई से आतंकवादी साजिशों को नाकाम किया जा सकता है। इस कार्रवाई के बाद रायपुर पुलिस और एटीएस ने कहा कि प्रदेश में ऐसी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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