Home
🔍
Search
Videos
Stories
India

CM मोहन यादव ने भोपाल में 52वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

Bhopal, भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) में आयोजित 52वीं विज्ञान प्रदर्शनी राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी-2025 का उद्घाटन किया।
यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी ) और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है। यह 23 नवंबर तक छह दिनों तक चलेगी।

इस अवसर पर, प्रदर्शनी में युवा वैज्ञानिकों द्वारा विकसित रोबोट का प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री श्री यादव का स्वागत किया गया। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया, छात्रों से बातचीत की और युवा नवप्रवर्तकों द्वारा बनाए गए रोबोट और स्टार मॉडल के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी अलग पहचान बनाई है। देश आधुनिक विज्ञान समेत सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है । इसी वैज्ञानिक ताकत के बल पर भारत अपने पड़ोसी देशों को सबक सिखाने में सक्षम है।”
प्राचीन भारतीय शास्त्रों में विद्यार्थियों के छह गुण बताए गए हैं: ज्ञान, तर्क, विज्ञान , स्मृति, एकाग्रता और परिश्रम। ऐसा माना जाता है कि इन छह गुणों से युक्त व्यक्ति किसी भी कठिन चुनौती का सामना नहीं कर सकता। इन्हीं गुणों से विज्ञान की गति संभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विज्ञान प्रदर्शनी में भाग ले रहे युवा वैज्ञानिक भविष्य के भारत के विक्रम साराभाई, होमी भाभा और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की झलक हैं, जो देश की वैज्ञानिक यात्रा में एक नया अध्याय लिखेंगे।
मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन वैज्ञानिक परंपरा के योगदान को समझने के महत्व पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ऋषियों और मुनियों ने ज्ञान और बुद्धि के क्षेत्र में भारत के वैश्विक अग्रणी बनने की नींव रखी। उन्होंने कहा कि ये ऋषि-मुनि न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ सादा जीवन जीते थे, फिर भी उनके नवाचार समाज के कल्याण के लिए समर्पित थे।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रत्येक भारतीय अपने प्राचीन विद्वानों से प्राप्त वैज्ञानिक ज्ञान की समृद्ध विरासत पर गर्व कर सकता है। उन्होंने महर्षि भारद्वाज का उदाहरण देते हुए कहा कि वे वैमानिकी की प्रारंभिक अवधारणाओं से जुड़े हैं, जैसा कि भगवान राम के काल के पुष्पक विमान के संदर्भों में परिलक्षित होता है। आर्यभट्ट ने शून्य की अवधारणा प्रस्तुत की, भास्कराचार्य ने ग्रहों की गति की व्याख्या की और पतंजलि योग विज्ञान के लिए पूजनीय हैं । इन ऋषियों के ज्ञान से भारतीय ज्ञान परंपरा सभी क्षेत्रों में समृद्ध हुई है।
इसके अतिरिक्त, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि देश भर से भोपाल आने वाले बाल वैज्ञानिक मुख्यमंत्री यादव की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। सरकार छात्रों में वैज्ञानिक और नवाचारी दृष्टिकोण विकसित करने के लिए काम कर रही है। प्रदेश भर के स्कूलों में आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जा रही है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 900 छात्रों और शिक्षकों ने विभिन्न सामाजिक चुनौतियों से निपटने वाले 240 विज्ञान मॉडल और नवीन परियोजनाओं का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में MANIT (मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान), AISECT (अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर प्रौद्योगिकी संस्थान) और IISER (भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान) के वैज्ञानिकों के साथ संवाद सत्र भी शामिल हैं।
इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को उनकी स्वाभाविक जिज्ञासा और रचनात्मकता को पोषित करने के लिए एक मंच प्रदान करना और उन्हें रोज़मर्रा के जीवन में विज्ञान और गणित का अनुभव कराने में मदद करना है। 2025 की राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य विषय ‘एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ है।
230 स्कूलों के प्रतिभागी छात्रों ने भोजन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, परिवहन एवं संचार, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, गणितीय मॉडलिंग, कम्प्यूटेशनल सोच, अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन प्रबंधन पर केंद्रित स्टॉल प्रदर्शित किए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button